नीमच जिला युवा काँग्रेस अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह भाटखेड़ा का आरोप, चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपनी हर स्तर घोर नाकामी पर पर्दा डालने के लिए कर रहें हैं सवालों की नौटंकी।
नीमच – नीमच जिला युवा काँग्रेस अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह भाटखेड़ा ने इन दिनों प्रदेश काँग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा पिछले चुनाव के काँग्रेस घोषणा पत्र को लेकर पूछे जाने वाले सवालों के सिलसिले को, चुनावी साल में बतौर मुख्यमंत्री अपनी घोर नाकामियों, मध्यप्रदेश की जनता के साथ भाजपा सरकार द्वारा 18 सालों से की जा रही झूंठे वादों की ठगी पर पर्दा डालने और इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों के संदर्भ में सही मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए की जाने वाली निम्न स्तरीय नौटंकी बताया है ।
यहाँ जारी एक बयान में भानुप्रताप सिंह राठौड़ ने कहा कि , वर्ष 2003 से वर्ष 2018 तक के शासनकाल में प्रदेश में सत्तारूढ़ रहते हुए भाजपा की सरकार राज्य की जनता के साथ केवल वादों की शर्मनाक ठगी ही करती रही। इस अवधि में अधिकांश समय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ही रहे और उन्होंने तीन चुनावों के लिए जारी घोषणा पत्रों के तमाम लोक लुभावन वादों को रद्दी की टोकरी में झोंक कर प्रदेश में अनाचार, दमन, शोषण, भ्रष्टाचार, पिछड़ेपन, अराजकता, माफियाओं का वर्चस्व एवं संगीन अपराधों में वृद्धि का तांडव मचाया था।
श्री राठौड़ ने कहा कि, भाजपा सरकार में युवा बेरोजगारी से हताश, महिलाओं में असुरक्षा का भय, कुशासन से आम जनता की परेशानी, मजदूरों – दलितों का दमन – शोषण और किसानों पर अत्याचार चरम पर जा पहुंचा था। न्याय औऱ हक मागने पर किसानों, कर्मचारियों एवं युवाओं पर लाठियाँ – गोलियाँ बरसाई गई थी। व्यापम और विभिन्न विभागों के घोटालों से सारे देश में मध्यप्रदेश की छवि तार – तार कर दी गई थी। हर तरफ निराशा एवं अनीति का अंधेरा छा रहा था।
वर्ष 2018 में जनता ने उखाड़ फेंका शिवराजसिंह चौहान की सरकार को
श्री राठौड़ ने कहा कि , वर्ष 2018 के चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा की हर मोर्चे पर विफल शिवराजसिंह चौहान सरकार को उखाड़ फेंका था। जन – मत का स्पष्ट सन्देश था कि वर्ष 2003 से 2018 तक के पंद्रह वर्षीय कार्य काल में भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्रों को अनदेखा कर केवल जनता के साथ विश्वासघात ही किया था । प्रदेश को पतन के गर्त में धकेलने में कोई कौर – कसर नहीं छोड़ी थी। इसीलिये जनता ने वर्ष 2018 के चुनाव में काँग्रेस को पाँच साल के लिए राज्य की बागडौर सौंपी थी।
लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित काँग्रेस की कमलनाथ सरकार को षडयंत्र से गिराने का महापाप
श्री राठौड़ ने कहा कि , वर्ष 2018 में कमलनाथजी के नेतृत्व में बनी काँग्रेस सरकार ने अपने घोषणा – पत्र के अनुरूप 15 महीनों की अल्पावधि में ही भाजपा के 15 वर्षो के पूर्ववर्ती शासन काल में ठप्प पड़े विकास चक्र को पुनः गतिमान कर किसानों , युवाओं, महिलाओं और सभी वर्गों के कल्याण तथा चहुँमुखी प्रगति के लिए प्रभावी योजनाएं प्रचलित कर दी थी।
काँग्रेस सरकार ने जिस बेहतर ढंग से कार्य शुरू किया था उस को देखते हुए भाजपा नेतृत्व में यह भय बैठ गया था कि अगर कमलनाथजी की सरकार पाँच साल काम करती रही तो घोषणा पत्र को हकीकत का जामा पहना कर प्रगति के नये प्रतिमान स्थापित करते हुए जनता का विश्वास इस तरह जीत लेगी कि भाजपा की सत्ता में कभी वापसी नहीं हो पाएगी।
इसलिए भाजपा ने गहरे षडयंत्र के तहत केंद्र की भाजपा सरकार की शक्ति के दुरुपयोग, मंत्री पद और धन बल का लालच एवं डर फैलाते हुए काँग्रेस सरकार को असमय ही गिराने का पाप कर मार्च 2020 में पुनः सत्ता हथिया ली थी। श्री राठौड़ ने कहा कि गैर लोकतांत्रिक हथकंडों के सहारे सत्ता में लौटी भाजपा सरकार ने शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में उसके बाद अभी तक के तीन वर्षीय शासन काल में बातें तो सुशासन की स्थापना और बहुआयामी विकास के बारे में की लेकिन हकीकत में अपने पूर्ववर्ती शासनकाल की तरह ही फिर से प्रदेश भर में अराजकता और कुशासन का तांडव मचा दिया है।
श्री राठौड़ ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराजसिंह चौहान की सरकार का दीर्घ कार्यकाल पूरी तरह विफल रहा है। उनके पास जनता को बताने के लिए सही उपलब्धियां नही है। इसी साल उनको विधानसभा चुनाव में जनता के बीच जाना है। जनता के कड़े सवालों से बचने, अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने और अगले चुनाव में फिर जनता को बरगलाने के लिए शिवराजसिंह चौहान जन – धन और प्रशासनिक शक्ति का दुरुपयोग करते हुए कथित विकास यात्राओं के साथ – साथ कमलनाथजी से सवाल पूछने की नौटंकी कर रहे हैं । लेकिन जनता अब झांसे में आने वाली नहीं है यह इसी साल विधानसभा चुनाव में सामने आ जाएगा।