तोड़फोड़ के बाद जेल भेजे गए बजरंग दल कार्यकर्ताओं को कोर्ट से मिली जमानत
जबलपुर(jablpur) – मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट ने शनिवार को बजरंग दल के प्रचारक सुमित सिंह ठाकुर, सत्यम रैकवार, राहुल बाकले, अचल सिंह राठौर, गौरव सोनकर, विशाल सोमानी, संदीप चक्रवर्ती, सतीश केवट, वीरेंद्र उर्फ वीरू यादव और विक्रम सिंह ठाकुर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। इन सभी पर जबलपुर के कांग्रेस कार्यालय में उपद्रव का आरोप लगा था। जिसके आधार पर लार्डगंज पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर शुक्रवार को सभी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था। उनकी ओर से अधिवक्ता केडी सिंह, अशोक लालवानी व सतेंद्र सिंह ने पक्ष रखा।
अधिवक्ता ने यह दी दलील (The lawyer argued)
अधिवक्ता ने दलील दी कि कांग्रेस कार्यालय में सामान्य प्रदर्शन किया गया था कर्नाटक विधानसभा चुनाव के सिलसिले में कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा-पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई, जिससे देश के अन्य हिस्सें की तरह जबलपुर के बजरंग दल कार्यकर्ताओं का गुस्सा स्वाभाविक है। जिसे लेकर किया जाने वाला विरोध प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार की परिधि में आता है किंतु कांग्रेस ने राजनीतिक दुर्भावनावश उसे तोड़फोड़ व मारपीट का रंग देकर बजरंग दल को बदनाम करने का तरीका अपनाया, जो कि अनुचित है। विश्व हिंदू परिषद लीगल सेल के प्रांत संयोजक अधिवक्ता जीपी सिंह ने बताया कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं को जेल से बाहर लाने सीजेएम कोर्ट में जमानत आवेदन दायर किए गए थे, जो मंजूर कर लिए गए हैं।
देश भर में चल रहा है प्रदर्शन (Demonstrations going on across the country) –
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा अपनी चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी जिसके विरोध में देश भर में बजरंग दल द्वारा कांग्रेस का विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में जबलपुर में गुरुवार को कांग्रेस कार्याल यका घेराव बजरंग दल द्वारा किया गया था। इस दौरान कार्यालय में तोड़फोड़ हो गई थी जिसका आरोप बजरंग दल के कार्यकर्ताओँ पर लगा था और कांग्रेस ने भी कोतवाली थाना का घेराव कर कार्रवाई की मांग की गई थी। इसी मामले में पुलिस ने बजरंग दल के कुछ कार्यकर्तां को गिरफ्तार किया था।