कुकड़ेश्वर – केंद्र व राज्य सरकार कितनी ही योजनाये चला रही है पर स्वास्थ्य के प्रति व खास कर मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल जी पटवा के गृह नगर कुकड़ेश्वर व क्षेत्र में स्वास्थ्य के प्रति केंद्र व राज्य सरकार की उदासीनता दिख रही है। कुकड़ेश्वर नगर में मनासा रोड पर स्थित करोड़ो की लागत से शानदार सरकारी अस्पताल जो की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम से संचालित है।
इस बहु लागत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्मित होने पर नगर व क्षेत्रवासियो की उम्मीद काफी हद तक जागी थी, कि काफी हद तक इलाज कुकड़ेश्वर में ही मिल जाएगा। लेकिन विडम्बना कहे या राजनितिक हस्तक्षेप कहे या कुकड़ेश्वर नगर व क्षेत्रवासियों की बदकिस्मती है, कुकड़ेश्वर का यह बहु कीमती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महज शो पीश बनकर ही रह गया।
न तो इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थाई चिकित्सक है। न व्यवस्थित जांच मशीने है, न दवाईयाँ समय पर मिलती है, न कर्मचारी समय पर मिलते है, जब – जब भी इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज जाता है चाहे वो डिलिवरी सम्बंधित हो, या नॉर्मली इलाज हेतु जाता हो। न सन्तुष्टिप्रद इलाज मिल पाता है, न ही डॉक्टर या स्टॉफ मिलता है। और दवाईयाँ उपलब्ध नही है व जांच मशीनों में खराबी है, के नाम पर मरीजो को बाहर का रास्ता बताना सहज बात है। कर्मचारियों की ड्यूटी व बर्ताव तो ऐसा रहता है जैसे मरीजो पर अहसान व उपकार कर रहे है।
नगर कुकड़ेश्वर व क्षेत्र के गरीब वर्ग के लिए शासन की योजना के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज होना कितना महत्वपूर्ण है यह एक गरीब व पीड़ित व्यक्ति व परिजन ही समझ सकते है। कई बार आमजन व पत्रकार बन्धुओ द्वारा क्षेत्रीय सांसद, विधायक व जिला कलेक्टर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था हेतु अपील व निवेदन भी किये गए है पर समस्या जस की तस बनी हुयी है। वर्तमान में आई फ्लू (आँख का आना) बीमारी चरम पर चल रही है, वंही बारिश की वजह से बुखार आदि बीमारिया चल रही है पर पीड़ित लोग इलाज के नाम पर भटक रहे है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ दर्शन योग्य सिद्ध हो रहा है। वंही बीमार व्यक्ति व परिजन प्राइवेट अस्पतालों की ओर मजबूर होकर रुख कर रहे है। जो की चिंता का विषय है। शासन की योजना व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लाभ से वंचित हो रहे है, जिससे आर्थिक नुकसानी का सामना भी आमजन को बेवजह करना पड रहा है।