नीमच – वर्तमान वर्ष 2024 – 2025 में अफीम की खेती के लिए अफीम किसानो को लगभग अक्टूबर माह में अफीम के लायसेंस जारी हो सकते है, इसकी प्रबल संभावना है। वहीँ इस वर्ष की नई अफीम नीति कैसी रहेगी? क्या शर्ते रहेगी? परम्परागत लूणी चिरनी के अफीम पट्टे जारी होंगे? या CPS पद्दति आधारित अफीम पट्टे को ज्यादा महत्व भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा? ये सब आगामी समय में जारी होने वाली नई अफीम नीति के माध्यम से स्पष्टीकरण होना है।
वहीँ परम्परागत अफीम की खेती करने वाले अफीम किसान व वर्तमान में CPS पद्दति की अफीम खेती से जूझ रहे अफीम किसान भी नई अफीम नीति 2024 – 2025 को लेकर चिंतित व परेशान दिखाई दे रहे है, अफीम किसानो की वाजिब पीढ़ा पर न भारत सरकार कोई सरोकार दिखा रही न ही स्थानीय जनप्रतिनधि व नारकोटिक्स विभाग। नई अफीम नीति 2024 – 2025 बनाते समय अफीम किसानो का एक प्रतिनिधि मंडल भी शामिल किया जाए, जिससे की अफीम किसानो को न्यायसंगत नई अफीम नीति के तहत अफीम खेती करने में सुविधा हो सके। मध्य प्रदेश राजस्थान व उत्तर प्रदेश के अफीम किसान 25 सितम्बर 2024 को देश की राजधानी दिल्ली में भारत सरकार व वित्त मंत्री को नई अफीम नीति में अफीम किसानो की मांगो को शामिल करने हेतु धरना प्रदर्शन कर रहे है।
इसी को लेकर विगत कई वर्षो से भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलौट, राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह दास बैरागी (मन्दसौर) के निर्देशन में तीनो ही राज्यो के अफीम किसानो द्वारा निरन्तर संघर्ष करते हुए, निरन्तर ज्ञापन, धरना प्रदर्शन, रैली आदि के माध्यम से देश के वित्त मंत्री, प्रधानमन्त्री व राष्ट्रपति को मांग पत्र प्रस्तुत कर विगत वर्षो में काटे गए अफीम पट्टो की बहाली हेतु निवेदन अनुग्रह किया जा रहा है व आज भी नई अफीम नीति 2024 – 2025 को लेकर भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में 25 सितम्बर 2024, जंतर मंतर दिल्ली में एक दिवसीय अफीम किसानो का धरना प्रदर्शन रखा गया है। जिसमे तीनो ही राज्यो के अफीम किसान शामिल हुए है व केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम अफीम किसानो की मांगो को लेकर मांग पत्र सौपा गया है। मांग पत्र में अफीम किसानो की मुख्य मांगे शामिल है –
- अफीम किसानों की समस्या 2024-25 की नई नीति में सम्मिलित की जाये।
- सन् 1997-1998 से आज तक के रूके हुए अफीम लायसेंस (पट्टे) बहाल करे। किसान कई सालों से आस लगाकर बैठे है। उन किसानों को नई अफीम नीति 2024-25 में 0 औसत पर उन सभी अफीम किसानों लुहाई चिराई के पट्टे बहाल किये जायें।
- सी.पी.एस. पद्धति पर सरकार पुनः विचार कर उन किसानों को लुवाई चिराई में पट्टे दिए जाए एवं विगत दिनों सी.पी.एस. में जो पट्टे थे उनकी मार्फिन कम करके उन्हें भी परम्परागत तरीके से अफीम खेती करने का अवसर प्रदान करें।
- सरकार ने सन् 1998 से आज तक हजारो किसानों को अफीम पट्टे दिये इसके लिये हम सभी अफीम किसान, सरकार का आभार मानते हैं।
- सरकार अंतराष्ट्रीय मानकता के आधार पर अफीम का भाव बढ़ाया जाए एवं 8 (29) को समाप्त कर बेवजह परेशान हो रहे, किसानो को न्याय दिलाया जाए।
वंही अफीम किसानो ने निवेदन किया है, कि सन् 1997 से अब तक किसान लगभग 26-27 साल से सरकार से यही आशा कर रहे है, किसी कारणवश रूके पट्टे बहाल किये जायें।
उक्त धरना प्रदर्शन में भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह दास बैरागी ने सभी अफीम किसानो की वाजिब मांगो के समर्थन में भारत सरकार से न्याय की मांग की है।