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Ram: राम वन गमन, पुत्र वियोग में त्यागे प्राण, यही है विधि का विधान – कहा पंडित शर्मा ने

रिपोर्टर / एंकर – रिया पिपलीवाल

नीमच – कुकड़ेश्वर क्षेत्र के ग्राम कड़ी बुजुर्ग में पटेल रामनारायण गुर्जर व स्व. बद्रीलाल गुर्जर दोनों भाइयो द्वारा अपने स्वर्गीय माता पिता की समृति में भगवान श्री हनुमान जी का मनमोहक मन्दिर निर्माण करवाया गया है। दिनांक 21 अप्रैल से 23 अप्रैल तक निरन्तर यज्ञ वैदिक मंत्रोचार के साथ पंडित व्यंकटेश शास्त्री के करकमलो व मुखारविंद से किया जा रहा है।

वंही सात दिवसीय संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन भी किया गया। रामनवमी से आरम्भ हुई श्रीराम कथा का पष्ठम दिवस को प्रातः हवन के साथ नवनिर्मित श्री बालाजी मंदिर पर कलश स्थापना हुई।
ग्राम कड़ी बुजुर्ग में भगवान श्री राम कथा के छटे दिन की कथा, श्री रामायण जी की मंगल आरती से आरम्भ हुई।

कथा में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के विवाह से लेकर राम के राज्याभिषेक की तैयारिया,
रघुकुल रीत सदा चली आई…प्राण जाए पर वचन न जाई… इस रीत को निभाया व भगवान श्री राम ने अपने पिता दशरथ का मान रखा और श्री राम, लक्षमण और माता सीता का वन गमन, केवट से भेट, गंगापार, चित्रकूट, पंचवटी, सोने का मृग, सीता हरण, हनुमान मिलन तक का बहुत ही मार्मिक वृत्तांत कथावाचक पंडित नरेंद्र शर्मा आमदखेड़ी द्वारा व्यासपीठ से सुनाया गया। भगवान श्रीराम को राजगद्दी मिलने की बजाय वन में जाना पड़ा। इसलिए कहा गया की विधि का विधान कोई नही बदल सकता। होइ सोहि जो राम रची रखा।

वही रामभक्त हनुमान के रूप में कलाकार कपिल द्वारा छम छम नाचे वीर हनुमाना… भजन पर थिरके और दर्शकों का मनमोह लिया। अंत में भगवान शिव की आरती हुई और अंत में सभी को प्रसाद वितरित किया गया। सभी भक्तजनो ने पूर्ण मनोयोग से भगवान श्रीराम कथा का श्रवण किया और आनन्द लिया। वही 23 अप्रैल, मंगलवार को सुबह 11 बजे श्रीराम कथा की पूर्णाहुति व महाप्रसादी रहेगी। राजू गुर्जर, बलवन गुर्जर, अर्जुन गुर्जर, लाला गुर्जर सहित फागणा परिवार ने सभी धर्मप्रेमी जन से कार्यक्रम में सपरिवार पधारने की अपील की।

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Author: MP7 News

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