मृत बेटी के अंगदान कर 3 लोगों की बचाई जान
अहमदाबाद(Ahamdabaad) – जिस माता-पिता ने अपनी बेटी के कन्यादान के सपने देखे थे। उन्हें अपनी राजकुमारी के अंगो का दान करना पडा। किसान परिवार के इस दंपत्ति को बेटी को खोने का दुःख है, वंही तीन लोगों का जीवन बचाने की खुशी भी है। यह मामला गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले का है। यहां पांचवडा गांव के किसान बीजल मगन मेतालिया व उनकी पत्नी हंसा को इस बात की खुशी है कि उनकी 19 वर्ष की बेटी किंजल पढ लिखकर लोगों की सेवा करेगी।
डॉक्टर बनना चाहती थी किसान की किंजल
(Farmer’s Kinjal wanted to become a doctor)
किंजल डॉक्टर बनना चाहती तो राजकोट के नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश ले लिया। बीजल व हंसा पढ लिख नहीं पाए। उनके दो बेटे भी खेतीबाडी व दुकान का काम ही करते हैं। अपनी बेटी के नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन से वे बहुत खुश थे। घरवाले उसकी पढ़ाई के बीच शादी करने की सोच रहे थे, लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था।
4 मई को हुआ था सड़क हादसा (Road accident happened on 4 May)-
4 मई को सड़क हादसे में किंजल घायल हो गई। इलाज के लिए उसे राजकोट से अहमदाबाद के सिविल अस्पताल लाया गया लेकिन उसका ब्रेन डेड हो गया। हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ राजेश जोशी ने बीजल व हंसा को इसकी जानकारी दी तथा अंगदान के बारे में चर्चा की तो दंपत्ति तुरंत तैयार हो गया।।
मरकर भी तीन लोगों को जीवन दे गई किंजल(Kinjal gave life to three people even after death) –
जिस बेटी के कन्यादान के सपने यह परिवार देख रहा था, उसके अंगदान की स्वीकृति दी। बीजल ने कहा कि उनकी बेटी जीवन में लोगों की सेवा करना चाहती थी। अब वह इस दुनिया में नहीं है, लेकिन मरकर भी तीन लोगों को जीवन दे गयी। किंजल की दो किडनी व एक लीवर तीन मरीजों को देकर नया जीवन दिया गया।