मनासा – म.प्र. शासन के आला अफसरों के तुगलकी फरमानो सें शिक्षक हमेशा लाचार होकर ड्यूटी देने को मजबूर हो जाता हैं। वर्तमान समय मे कक्षा 5 वी व 8 वी बोर्ड परीक्षा का संचालन जारी हैं। जिसमे प्रत्येक विद्यालय से 1-1 शिक्षक पर्यवेक्षक के रुप मे अपनी ड्यूटी निभा रहा हैं। अब विद्यालय के शेष कक्षाओं के बच्चों की जिम्मेंदारी, पदस्थ अन्य शिक्षक पर आ जाती हैं। लेकिन मनासा अनुविभागीय अधिकारी महो द्वारा दिनांक 25/03/2023 को जारी आदेश मे लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन हेतू शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से विकासखंड के अधिकतर स्कूलों में कक्षा 1 ली से 4 थी के बच्चों को संभालने के लिये कोई शिक्षक नही हैं। जिसको लेकर शिक्षकों में बच्चों की वार्षिक परीक्षाओं को लेकर चिंता व्याप्त हैं।
आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश महासचिव विनोद राठोर के द्वारा प्रशासन से यह मांग की जाती हैं, कि बच्चों का वार्षिक मूल्यांकन का समय चल रहा हैं, जिसमे शिक्षा विभाग का पूरा अमला अत्यंत व्यस्त हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की ड्यूटी अन्य कार्यों में लगाना अनुचित हैं। म.प्र. शासन द्वारा पूर्व में भी आदेश जारी करते यह स्पष्ट कर दिया गया था की, शिक्षक केवल पढाई ही करवायेगें।
लेकिन इसके बाद शासन की प्रत्येक योजनाओं को पुरा करने हेतू सबसे पहले शिक्षकों को आदेश थमा दिये जाते हैं। B.L.O. , आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, MDM मेसेज और अब लाड़ली बहना योजना में दस्तावेज वेरिफिकेशन करना।
आखिर! शिक्षकों को उसके मूल कार्य से हटाकर, क्यों? अन्य कार्यों मे लगा दिया जाता हैं।
आजाद अध्यापक संघ म.प्र. द्वारा यह मांग की जाती हैं की तत्काल सभी शिक्षकों को अन्य जिम्मेदारियो से मुक्त किया जाये। अन्यथा संगठन द्वारा उक्त अतिरिक्त प्रभारो को लेकर प्रदर्शन किया जावेगा।