बेलपत्र तोड़ने के नियम (rules for breaking the belt) – शिवजी की पूजा में बेलपत्र निश्चित रूप से उपयोग में लाए जाते है। इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। शास्त्रो में बेलपत्र तोड़ने और इनके प्रयोग के कुछ नियम बताए गए है।
इस दिन न तोड़े (don’t break this day) – शास्त्रो में बताया गया है की बेलपत्र को किसी भी महीने की चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, प्रदोष व्रत, शिवरात्रि, सोमवार व अमावस्या तिथि को नही तोडना चाहिए ऐसा करने से व्यक्ति पाप का भागीदार होता है।
टहनी को न तोड़े (don’t break the branch) – साथ ही आप बेलपत्र तोड़ते समय ध्यान रखे की टहनी को न तोड़े, एक एक बेलपत्र ही एकत्रित करे।
साबुत बेलपत्र (whole betel leaves) – शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रखे की यह कटे व मुरझाए हुए न हो। साथ ही बेलपत्र उपयोग करने पहले उन्हें अच्छे से धोले फिर शिवलिंग पर अर्पित करे।
नमस्कार कर तोड़े (say goodbye) – बेलपत्र तोड़ते समय पहले भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करे और फिर बेलपत्र के वृक्ष को नमस्कार करते हुए पत्ते तोडना प्रारम्भ करे।