जीवन में, रसना सुख में अँधा नही होना चाहिए
कुकड़ेश्वर – डूब क्षेत्र के अंतिम छौर पर बसे गाँव कराडिया में विगत साथ दिवस से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का वाचन, कथा व्यास पंडित अर्जुन भारद्वाज (टकरावद वाले) के मुखारविंद से प्रसारित किया गया। पंडित अर्जुन भारद्वाज ने व्यासपीठ से 1 मार्च को धर्मप्रेमी जनता को बताया कि मछुवारा मछली पकड़ने के लिए कांटे में कुछ लगता है और जब पानी के अंदर फेंकता है तो, मछली कांटे में फंस जाती है यानि किसी को भी जीवन में रसना सुख में अंधा नही होना चाहिए। स्वाद के कारण स्वयं की दुर्गति हो जाती है।
वहीँ जीवन में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण जरूर करना चाहिए क्योकि श्रीमद् भागवत कथा जीवन से हमे तारती है। वंही गौ सेवा भी हमें हर दिन किसी न किसी प्रकार से करनी चाहिए।
चचोर क्षेत्र के समीपस्थ गाँव कराडिया में विगत 23 फ़रवरी से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन ग्राम कराडिया वासियो ने आयोजित करवाई। जिसमे मन्दसौर क्षेत्र के प्रख्यात कथा वाचक, पंडित अर्जुन भारद्वाज (टकरावद वाले) के मुखारविंद से प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक कथा का प्रसारण किया गया।
कथा श्रवण हेतु प्रतिदिन गांववासी सहित क्षेत्र के सेंकडो भक्तजन कथा श्रवण हेतु कराडिया पहुंचे। एक मार्च को कराडिया में श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम हुआ। कथा में ग्राम कराडिया वासियो ने पण्डित अर्जुन भारद्वाज का साफा बंधवाकर व भेंट कर, पुष्पमाला के साथ सम्मान किया। वंही कथा में उपस्थित हुए क्षेत्र के पूर्व विधायक विजेंद्रसिंह मालाहेड़ा, खड़पालिया की गौ शाला के संचालको का, सहित अन्य अतिथियों का पुष्पमाला से कथा आयोजक मण्डल ने स्वागत अभिवादन किया। कथा समापन पर प्रसादी वितरण की गयी। ततपश्चात कराडिया में भव्य झुलुस निकाला गया। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का संचालन शिवलाल सोनी टकरावद वाले द्वारा किया गया व ग्रामवासियो द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।