- कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने नीमच सीएसपी को करी लिखित शिकायत
- बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेई और मीडिया संस्था पंजाब केसरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नीमच – पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के वीडियो को छेड़छाड़ कर प्रचारित करने के मामले में भाजपा के प्रवक्ता हितेश वाजपेयी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने नीमच सीएसपी फूलसिंह परस्ते को में लिखित शिकायत दी है। इस मामले में कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने बताया कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने गत 1 फरवरी को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाषण के वीडियो को छेड़छाड़ कर पोस्ट कर उनके व्यक्तित्व को बदनाम करने झूठा प्रयास किया गया। भाजपा प्रवक्ता ने षड्यंत्रपूर्वक वीडियो में कांट छांट कर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के विडियो को हिन्दू विरोधी बताने का प्रयास किया। इसी वीडियो को जाने माने समाचार पत्र पंजाब केसरी ने भी बिना जांचे परखे इस झूठे वीडियो को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित कर दिया। इसी को लेकर नीमच में भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी के साथ मीडिया संस्थान पंजाब केसरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी द्वारा सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह का छेड़छाड़ वाला वीडियो चलाया गया जिसमें यह दर्शाया गया कि वे हिन्दू विरोधी एवं गौ मांस खाने की पैरवी कर रहे थे। जबकि सच्चाई यह है कि श्री दिग्विजय सिंह ने अपने भाषण में विनायक सावरकर की किताब सावरकर समग्र की खंड 7 के पेज 433 में वर्णित अध्याय “गौ पालन हो-गौ पूजन नहीं” का संदर्भ बताकर गाय के संबंध में सावरकर के विचार बताए थे । लेकिन हितेश वाजपेयी और पंजाब केसरी ने षड्यंत्र पूर्वक वीडियो का संदर्भ हटाकर उक्त विचार श्री दिग्विजय सिंह के बताते हुए जारी किया। जिससे यह लग रहा है यह विचार सावरकरजी के न होकर दिग्विजयसिंह जी के है। इस कृत्य से उन्होंने दिग्विजयसिंह जी एवं कांग्रेस की छवि खराब करने,नफरत और द्वेष फैलाने का अपराध किया।
इस कृत्य के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस नेता तरुण बाहेती,कांग्रेस जिला प्रवक्ता भगत वर्मा,एवं बलवंत पाटीदार ने नीमच सीएसपी फूलसिंह परस्ते को तथ्यों के साथ भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी और पंजाब केसरी के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है जिसमें दोषियों के विरूद्ध तत्काल आईपीसी की धारा 295 क, 420, 465, 469, 505 (2), 500 एवं 120-बी भारतीय दंड विधान एवं सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम की धारा 66, 67 व 68 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। शिकायत के साथ वीडियो डीवीडी एवं सावरकर समग्र खंड 7 के कुछ पृष्ठ भी पुलिस को सौपे हैं।